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मांगलिक दोष और विवाह संगति (कुंडली / गुण मिलान) उज्जैन में

  • Writer: Acharya Shastri Ji
    Acharya Shastri Ji
  • Oct 10
  • 2 min read


परिचय


भारतीय संस्कृति में विवाह केवल एक सामाजिक बंधन नहीं है, बल्कि यह दो आत्माओं का पवित्र मिलन माना जाता है।वेदिक ज्योतिष के अनुसार विवाह से पहले कुंडली मिलान (Gun Milan) किया जाता है ताकि दांपत्य जीवन सुखी, स्थायी और संतुलित रहे।इस प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है मांगलिक दोष (Manglik Dosha)

उज्जैन, जो भगवान महाकालेश्वर की नगरी और ज्योतिष विद्या का प्रमुख केंद्र है, यहां देशभर से लोग आते हैं अपने मांगलिक दोष निवारण, कुंडली मिलान और विवाह योग परामर्श के लिए।


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क्या होता है मांगलिक दोष?


मांगलिक दोष तब बनता है जब व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह (Mars) प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है।मंगल ग्रह को उग्र और अग्नि तत्व वाला ग्रह माना जाता है, जो ऊर्जा, साहस और क्रोध का प्रतिनिधित्व करता है।जब यह ग्रह विवाह से संबंधित भावों में आता है, तो यह वैवाहिक जीवन में अशांति या विलंब का कारण बन सकता है।


किन भावों में मंगल से बनता है दोष:


  • प्रथम भाव (लग्न भाव) – स्वभाव में क्रोध और आत्मकेंद्रिता बढ़ा सकता है।

  • द्वितीय भाव – पारिवारिक कलह और वाणी में कठोरता ला सकता है।

  • चतुर्थ भाव – मानसिक अस्थिरता या गृह कलह का संकेत देता है।

  • सप्तम भाव – पति-पत्नी के संबंधों में असंतुलन पैदा कर सकता है।

  • अष्टम भाव – मानसिक तनाव या स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें।

  • द्वादश भाव – वैवाहिक दूरी या भावनात्मक अलगाव का संकेत।


मांगलिक दोष के प्रभाव


मांगलिक दोष होने पर व्यक्ति को निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है:

  • विवाह में विलंब

  • वैवाहिक जीवन में मतभेद या झगड़े

  • भावनात्मक दूरी और तनाव

  • परिवार या आर्थिक स्थिति में अस्थिरता

  • मानसिक शांति का अभाव

परंतु यह जरूरी नहीं कि हर मांगलिक व्यक्ति को ऐसे ही परिणाम मिलें।कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति, दृष्टि और योग से दोष की तीव्रता कम या समाप्त भी हो सकती है।


मांगलिक दोष के प्रकार


  1. आंशिक मांगलिक दोष (Anshik Manglik Dosha) – हल्का प्रभाव, सामान्य उपायों से ठीक हो सकता है।

  2. पूर्ण मांगलिक दोष (Poorna Manglik Dosha) – गहरा प्रभाव, विशेष पूजा या अनुष्ठान आवश्यक।

  3. दोनों मांगलिक (Double Manglik) – जब वर-वधू दोनों की कुंडली में मंगल दोष हो तो उसका प्रभाव संतुलित हो जाता है।


उज्जैन में मांगलिक दोष निवारण के उपाय


उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा अत्यंत प्रभावी मानी जाती है क्योंकि यह भगवान महाकालेश्वर की नगरी है। यहां के अनुभवी पंडित और आचार्य वेदिक विधि से मंगल ग्रह की शांति हेतु विशेष अनुष्ठान करते हैं।

🔯 प्रमुख उपाय:

  1. मंगल दोष निवारण पूजा – महाकालेश्वर मंदिर या क्षिप्रा तट पर की जाती है।

  2. कुंभ विवाह (Kumbh Vivah) – दोष निवारण हेतु प्रतीकात्मक विवाह कलश, पीपल वृक्ष या भगवान विष्णु से कराया जाता है।

  3. हनुमान जी की उपासना – मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ विशेष फलदायी होता है।

  4. मंगलवार व्रत – लाल वस्त्र धारण करें और लाल मसूर, गुड़ आदि का दान करें।

  5. मंत्र जाप और यंत्र स्थापना – “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” का 108 बार जाप करें।


विवाह संगति (कुंडली मिलान / गुण मिलान)


विवाह से पहले वर-वधू की कुंडलियों का गुण मिलान (Gun Milan) किया जाता है।यह मिलान अष्टकूट प्रणाली (Ashta Koota System) पर आधारित होता है, जिसमें 8 मुख्य गुणों का मिलान किया जाता है।कुल गुण 36 होते हैं, और 18 या उससे अधिक गुण मिल जाने पर विवाह शुभ माना जाता है।

 
 
 

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